राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज

सौ. शुभांगी गणेश जाधव लिखित मराठी कविता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज

गेले होऊनिया। आधुनिक संत॥
थोर राष्ट्रसंत। तुकडोजी ॥

आकडोजी नामे। गुरु हे लाभले॥
नाव ठेवियले। माणिक हे ॥

भिक्षाही घेऊनी। भजन गायिले॥
जीवन कंठिले। बालपणी ॥

हाती घेई वसा। नित्य भजनाचा॥
काव्य कीर्तनांचा। सदोदित॥

विचार हा मनी। व्हावे सुशिक्षित॥
व्हावे सुसंस्कृत। ग्रामोद्योग॥

केले अध्यात्मिक। राष्ट्रप्रबोधन॥
खंजिरी भजन। अविरत॥

ग्रामगीतेचे या। लेखन हे केले॥
आश्रम स्थापले। गुरुकुंज॥

स्त्रियांविषयक। जागृती ही केली॥
उपाधी मिळाली। राष्ट्रसंत॥

shubhangi ganesh jadhav

सौ. शुभांगी गणेश जाधव पुणे